सार्थक प्राइमरी एकेडमी में सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन

 सुपौल स्थित सार्थक प्राइमरी एकेडमी में हर साल की तरह इस बार भी सरस्वती पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखती है। इस पूजा के माध्यम से न केवल शैक्षणिक संस्थान बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी अपनी शिक्षा के प्रति समर्पण और आस्था प्रकट करता है। सार्थक प्राइमरी एकेडमी में इस बार दिनांक: 14/02/24 को सरस्वती पूजा का आयोजन एक विशेष रूप में मनाया गया, जहाँ न केवल छात्र-छात्राएं बल्कि शिक्षकों ने भी पूरे उत्साह से भाग लिया।

पूजा की भव्य तैयारी

पूजा की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो गई थी। विद्यालय को आकर्षक ढंग से सजाया गया, जिसमें फूलों, बत्तियों और रंगीन सजावट का उपयोग किया गया। पूजा स्थल पर मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई, जिसे विशेष रूप से सजाया गया था। देवी के समक्ष रंग-बिरंगी रंगोली और फूलों की सजावट ने पूरे माहौल को और भी पवित्र और सुंदर बना दिया।

पूजा का शुभारंभ

पूजा की शुरुआत विद्यालय के निदेशक राजन चमन और शैक्षणिक निदेशक रोहित मिश्रा द्वारा देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ की गई। इसके बाद मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न हुई, जिसमें विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए। पूरे विधि-विधान से की गई इस पूजा के दौरान बच्चों और शिक्षकों ने मां सरस्वती से ज्ञान, शिक्षा और कला के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की।

विद्यार्थियों के विचार

इस आयोजन के दौरान छात्रों ने अपने विचार भी व्यक्त किए। कक्षा 6 की छात्रा श्रद्धा ने कहा, "सरस्वती पूजा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि हम पढ़ाई में अच्छे परिणाम हासिल कर सकें। यह पूजा हमारे जीवन में विद्या और ज्ञान की अहमियत को समझाती है।"

कक्षा 5 के छात्र आदित्य ने कहा, "यह दिन हमारे लिए विशेष होता है क्योंकि हम इस दिन अपनी पुस्तकों और पेन की पूजा करते हैं और माँ सरस्वती से हमें शिक्षा में सफलता देने की प्रार्थना करते हैं।"

शिक्षकों के संदेश

विद्यालय के निदेशक राजन चमन ने कहा, "माँ सरस्वती की पूजा हमें याद दिलाती है कि शिक्षा और ज्ञान ही सफलता की कुंजी हैं। हम अपने छात्रों को सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि कला और संस्कृति के प्रति भी जागरूक बनाना चाहते हैं। यही कारण है कि सार्थक प्राइमरी एकेडमी में हम हर साल सरस्वती पूजा को विशेष रूप से मनाते हैं।"

रोहित मिश्रा ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, "यह पूजा हमारे लिए एक मौका है कि हम अपने बच्चों को न केवल शैक्षणिक विकास की दिशा में प्रेरित करें, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का भी ज्ञान दें। सरस्वती पूजा का आयोजन छात्रों में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का संचार करता है।"

विद्यार्थियों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था

पूजा के बाद विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की गई थी। इस प्रसाद भोज में स्वादिष्ट व्यंजन जैसे पूरी, सब्जी, हलवा और मिठाइयों का आयोजन किया गया, जिसे बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ ग्रहण किया। प्रसाद ग्रहण करते हुए बच्चों के चेहरे पर खुशी और संतोष साफ झलक रहा था। भोजन की व्यवस्था को विद्यालय प्रबंधन ने विशेष ध्यान के साथ किया, ताकि हर बच्चे को उचित मात्रा में भोजन मिल सके और उन्हें प्रसाद का आनंद मिल सके।

विद्यालय के प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि भोजन के दौरान बच्चों के बीच अनुशासन बना रहे और सभी को प्रसाद ग्रहण करने का अवसर मिले। इस प्रसाद भोज ने बच्चों को एक साथ बैठने और आपस में बातचीत करने का मौका दिया, जिससे उनमें आपसी प्रेम और सौहार्द का विकास हुआ।

मूर्ति विसर्जन समारोह

पूजा और भोजन के बाद, मूर्ति विसर्जन का आयोजन भी विधिवत रूप से संपन्न हुआ। देवी सरस्वती की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए एक जुलूस का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी और अन्य कर्मचारी शामिल हुए। जुलूस के दौरान सभी ने माँ सरस्वती के जयकारे लगाए और ढोल-नगाड़ों के साथ उत्सव का आनंद लिया।

मूर्ति विसर्जन के लिए एक निकटवर्ती जलाशय चुना गया, जहाँ सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर देवी की प्रतिमा का विसर्जन किया। विसर्जन से पहले, बच्चों को इस प्रक्रिया का महत्व बताया गया और इसे पर्यावरण के अनुकूल तरीके से करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। विसर्जन के दौरान सभी ने माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की और आने वाले वर्ष में फिर से इस उत्सव को मनाने का संकल्प लिया।

निष्कर्ष

सार्थक प्राइमरी एकेडमी में इस वर्ष का सरस्वती पूजा आयोजन बेहद हर्षोल्लास से भरा हुआ था। पूजा, प्रसाद भोज, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मूर्ति विसर्जन जैसी गतिविधियों ने इस दिन को विशेष बना दिया। बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर इस पवित्र अवसर को सफलतापूर्वक मनाया और माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस आयोजन ने न केवल विद्यालय के बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से अवगत कराया, बल्कि उन्हें शिक्षा, कला, और संगीत के प्रति जागरूक भी किया। राजन चमन और रोहित मिश्रा की देखरेख में यह आयोजन बेहद सफल रहा और भविष्य में भी इसी प्रकार के आयोजनों से बच्चों में सांस्कृतिक और शैक्षणिक मूल्यों का संचार होता रहेगा।