स्थान: गौरवगढ़, सुपौल
विद्यालय: सार्थक प्राइमरी एकेडमी
दिनांक: 11 अगस्त 2025
गौरवगढ़ के सार्थक प्राइमरी एकेडमी में 11 अगस्त 2025 का दिन कुछ खास था। रक्षाबंधन के उत्सव के रंग विद्यालय में चारों ओर बिखरे हुए थे। सुबह से ही बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और आंखों में चमक दिखाई दे रही थी। हाथों में सजाई गई राखियां, और मन में अपने-अपने अनुभव बताने का उत्साह — सब कुछ माहौल को खुशनुमा बना रहा था।
सुबह की प्रार्थना के बाद विद्यालय के शिक्षक नंदन सर बच्चों से संवाद करने के लिए आगे आए। उन्होंने मुस्कुराकर बच्चों का अभिवादन किया और कहा, "बच्चों, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार, विश्वास और एक-दूसरे की रक्षा के वादे का त्योहार है। यह दिन हमें सिखाता है कि रिश्तों में अपनापन और सम्मान कितना जरूरी है।" उन्होंने बच्चों से पूछा, "तो बताओ, इस बार रक्षाबंधन आपने कैसे मनाया?" बच्चे एक साथ बोले, "बहुत अच्छा!" और पूरी सभा में हंसी-खुशी की लहर दौड़ गई।
इसके बाद सभी बच्चों को प्रेमपूर्वक उनकी-उनकी कक्षाओं में भेज दिया गया। फिर नंदन सर ने मुस्कुराते हुए निर्णय लिया कि वे एक-एक करके सभी कक्षाओं में जाएंगे और बच्चों से सीधे बातचीत कर उनके विचार जानेंगे।
मासूम जवाब, प्यारी मुस्कान
नंदन सर सबसे पहले कक्षा 1 में पहुंचे। यहां छोटे-छोटे बच्चे अपनी सीटों पर सीधे बैठकर उनकी ओर देख रहे थे। उनकी आंखों में यह जिज्ञासा थी कि आज सर क्या पूछने वाले हैं। नंदन सर ने मुस्कुराकर पूछा, "बेटा, रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं?"
प्रेम राज तुरंत खड़ा हो गया और मासूमियत से बोला, "सर, क्योंकि बहन राखी बांधती है और भाई उसे चॉकलेट देता है।" यह सुनते ही सभी बच्चे खिलखिलाकर हंस पड़े और जोर से तालियां बजाईं। नंदन सर भी हंसते हुए बोले, "वाह, चॉकलेट वाला जवाब तो सबसे मीठा है।" फिर प्रेम राज ने अपना अनुभव साझा किया, "इस बार मेरी बहन ने मुझे लाल रंग की राखी बांधी। मैंने उसे गुलाबी रिबन और टॉफी दी।" नंदन सर ने उसकी मासूमियत की सराहना करते हुए कहा, "याद रखना बेटा, तोहफे से ज्यादा प्यार और वादा जरूरी होता है।"
राखी और मिठाई की बातें
इसके बाद नंदन सर कक्षा 2 में पहुंचे। यहां बच्चे पहले से ही उत्साह में थे। उन्होंने विशाखा कुमारी से पूछा, "विशाखा, रक्षाबंधन में बहन क्या करती है?"
विशाखा ने आत्मविश्वास से कहा, "सर, बहन राखी बांधकर मिठाई खिलाती है।" नंदन सर ने मुस्कुराकर कहा, "सही कहा, और भाई क्या करता है?" विशाखा ने हंसते हुए कहा, "गिफ्ट देता है, सर।" यह सुनकर पूरी कक्षा खुशी से ताली बजाने लगी।
भाई का तोहफ़ा
अब नंदन सर कक्षा 3 में पहुंचे। उन्होंने सार्थक से पूछा, "बेटा, रक्षाबंधन का मतलब क्या है?"
सार्थक ने गंभीरता से जवाब दिया, "भाई-बहन का प्यार और रक्षा का वादा।" नंदन सर ने सराहते हुए कहा, "बहुत अच्छा, बेटा।" फिर सार्थक ने अपना अनुभव बताया, "इस साल मैंने अपनी बहन को एक पेंसिल बॉक्स दिया। उसने मुझे राखी के साथ चॉकलेट भी दिया।"
रक्षा का वादा
कक्षा 4 में पहुंचकर नंदन सर ने राजनीकांत प्रवीन से पूछा, "राखी बांधने के बाद भाई क्या कहता है?"
राजनीकांत ने आत्मविश्वास से कहा, "भाई कहता है कि वह अपनी बहन की रक्षा करेगा।" अपने अनुभव में उसने कहा, "मेरी बहन ने हरे रंग की राखी बांधी और मैंने उसे एक कहानी की किताब दी।" नंदन सर ने कहा, "किताब तो सबसे अच्छा तोहफ़ा है, क्योंकि इसमें ज्ञान छुपा होता है।"
रिश्तों की मिठास
कक्षा 5 में नंदन सर ने फिर से सार्थक (बड़ा क्लास वाला) से पूछा, "तुम्हारे लिए रक्षाबंधन खास क्यों है?"
सार्थक ने मुस्कुराकर कहा, "क्योंकि उस दिन मुझे गिफ्ट भी मिलता है और प्यार भी।" उसने आगे बताया, "मेरी बहन ने इस बार मुझे राखी बांधकर लड्डू खिलाए। मैंने उसे एक खूबसूरत हेयर क्लिप दिया।"
सहपाठी की मदद
अंत में नंदन सर कक्षा 6 में पहुंचे। उन्होंने अजनबी से पूछा, "बेटा, रक्षाबंधन में क्या करते हैं?" सवाल सुनते ही अजनबी थोड़ी घबरा गई। वह कुछ बोलने ही वाली थी कि अचानक चुप हो गई।
तभी बगल में बैठे प्रेम राज ने मदद की, "सर, बहन राखी बांधती है, भाई गिफ्ट देता है और रक्षा का वादा करता है।" प्रेम राज बोला, "मेरी बहन ने मुझे राखी बांधी और मैंने उसे पेंसिल दी।"
कार्यक्रम का असर
पूरे कार्यक्रम में बच्चों की आंखों में अपने भाई-बहन के लिए प्यार और गर्व झलक रहा था। नंदन सर ने बच्चों को समझाया कि रक्षाबंधन का असली मतलब केवल राखी बांधना और गिफ्ट देना नहीं है, बल्कि रिश्तों में अपनापन, सम्मान और एक-दूसरे का साथ निभाना है। उन्होंने कहा, "बच्चों, हमें अपने परिवार के सभी सदस्यों से प्यार करना चाहिए और हमेशा उनकी मदद करनी चाहिए।" बच्चों ने जोर से कहा, "जी सर!"
विद्यालय का माहौल
इस दिन का पूरा माहौल बेहद खुशनुमा था। छोटे-छोटे बच्चों के मासूम जवाब, उनकी हंसी और उनकी सच्ची भावनाएं इस कार्यक्रम को खास बना रही थीं। अंत में सभी ने मिलकर कहा, "रक्षाबंधन की शुभकामनाएं!"