सार्थक प्राइमरी एकेडमी के नन्हें कलाकारों ने जब विज्ञान को रंगों में उकेरा

स्थान: गौरवगढ़, सुपौल
विद्यालय: सार्थक प्राइमरी एकेडमी
दिनांक: 02 अगस्त 2025

सार्थक प्राइमरी एकेडमी, गौरवगढ़ में दिनांक 4 अगस्त 2025 को एक अनोखी कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस रचनात्मक गतिविधि में बच्चों ने विज्ञान से जुड़े विभिन्न विषयों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया। बच्चों को 2 अगस्त 2025 को चित्र बनाने का कार्य दिया गया था, और आज उन्होंने अपने बनाए गए चित्रों का प्रदर्शन किया। बच्चों ने चार्ट और ड्राइंग शीट पर रंग-बिरंगे चित्रों के माध्यम से विज्ञान की बातें बड़ी खूबसूरती से व्यक्त कीं। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के विज्ञान शिक्षक अजीत सर की देखरेख में हुआ।

बच्चों ने दिखाई अपनी कला
इस कार्यक्रम में सभी बच्चों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। हर बच्चे ने अपनी कल्पना और समझ के अनुसार अलग-अलग विज्ञान से जुड़े चित्र बनाए।
किसी ने पृथ्वी की गति दिखाई, तो किसी ने जल चक्र, पेड़-पौधे या सौरमंडल का चित्र बनाया। सभी चित्र बहुत ही सुंदर, रंग-बिरंगे और जानकारी से भरपूर थे। बच्चों की कला देखकर यह महसूस हुआ कि वे न केवल चित्र बनाना जानते हैं, बल्कि विषय को भी अच्छे से समझते हैं।

अजीत सर ने कहा...
उन्होंने कहा, “विज्ञान केवल पढ़ने और समझने का विषय नहीं है, बल्कि उसे महसूस करके, देखकर और बना कर भी सीखा जा सकता है। जब बच्चे विज्ञान से संबंधित चित्र बनाते हैं, तो वह विषय उनके मन में गहराई से बैठ जाता है।”

बच्चों के चित्र
बच्चों ने जिस समझदारी से विज्ञान के विषयों को रंगों में पिरोया, वह काबिल-ए-तारीफ है। उनकी कला में गहराई, भावनाएँ और सीखने की उत्सुकता झलक रही थी। हर चित्र में उनकी लगन, सोच और प्रतिभा साफ दिखाई दी।
• हेमंत का चित्र: हेमंत ने "वॉटर साइकिल" का चित्र बनाया और उसने कहा कि पानी कैसे वाष्प बनकर बादल बनता है और फिर बारिश के रूप में वापस धरती पर आता है। उसका चित्र बहुत ही साफ-सुथरा और रंगों से भरा हुआ था। उसने इसमें सूरज, बादल, नदी और पहाड़ भी दिखाए।
• आस्था का चित्र: आस्था ने "फूल के भाग", "पत्ते के भाग" और "अंडे की आंतरिक संरचना" का चित्र बनाया। उसका चित्र बहुत सुंदर और जानकारी से भरपूर था। उसने हर भाग को लेबल किया और रंगों से सजाया। आस्था ने बताया कि उसे विज्ञान के चित्र बनाना बहुत पसंद है।
• रिया का चित्र: रिया ने "पौधे के भाग" का चित्र बनाया और हर भाग को विस्तार से दर्शाया। उसने जड़, तना, पत्ती, फूल और फल को अच्छे रंगों से दर्शाया। रिया ने कहा कि पौधों के अलग-अलग भाग हमारे कार्यों में मदद करते हैं।

• गोपाल और करण का चित्र: गोपाल और करण ने "वॉटर साइकिल" का सुंदर चित्र बनाया जो बहुत ही स्पष्ट और रंगीन था। उन्होंने बताया कि पानी कैसे वाष्प बनता है, फिर बादल बनता है और बारिश के रूप में वापस आता है। चित्र में पहाड़, नदी और सूरज को सुंदरता से दर्शाया गया था।
• नंदिनी का चित्र: नंदिनी ने "पाचन तंत्र" का चित्र बनाया जिसमें मुंह से लेकर बड़ी आंत तक की पूरी प्रक्रिया को दर्शाया गया। उसने हर अंग का नाम भी लिखा और बताया कि भोजन कैसे पचता है।
• ऋषु राज का चित्र: ऋषु राज ने "पृथ्वी का घूर्णन (Rotation of the Earth)" पर चित्र बनाया जिसमें उसने दिखाया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है जिससे दिन और रात होते हैं। उसने सूर्य, पृथ्वी और उसकी धुरी को अच्छे से समझाया। उसका चित्र बहुत ज्ञानवर्धक था।
• रजनीकांत प्रवीन का चित्र: रजनीकांत प्रवीन ने "पृथ्वी की गति (Movement of the Earth)" पर चित्र बनाया और उसमें बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है जिससे ऋतुएँ बदलती हैं। 
• विराट और कुश का चित्र: विराट और कुश ने "पानी को छानकर पीने योग्य बनाने (Filtration)" का चित्र बनाया। उन्होंने पानी को साफ करने की प्रक्रिया को दिखाया। उनका चित्र सरल और बहुत उपयोगी जानकारी से भरपूर था।
• गौतम और आदित्य का चित्र: गौतम और आदित्य ने "नेशनल साइंस डे" से संबंधित चित्र बनाए। दोनों बच्चों ने विज्ञान के प्रति अपनी रुचि को सुंदर चित्रों में दिखाया।
• मणिकांत प्रताप सिंह का चित्र: मणिकांत प्रताप सिंह ने "दांत की बनावट (Parts of the Tooth)" पर बहुत सुंदर चित्र बनाया। उसने दांत के मुख्य भाग जैसे Enamel, Dentine, Pulp, Crown, और Root को सही तरीके से दिखाया। उसने बताया कि Enamel सबसे ऊपरी और कठोर परत होती है, जबकि Dentine उसके नीचे होती है। उसका चित्र बहुत ही साफ-सुथरा, जानकारीपूर्ण और रंगों से भरा हुआ था। यह चित्र दांतों की संरचना को समझने में बहुत मदद करता है।
• रवीराज का चित्र: इन सभी के अलावा रवीराज ने भारत का सुंदर मानचित्र बनाया। उसने भारत के राज्यों को रंगों से सजाया। उसका चित्र बहुत आकर्षक और साफ-सुथरा था।
अनुराग, सुंदर, मोनू और ऋषभ रंजन ने वॉटर साइकिल (जल चक्र) का सुंदर चित्र बनाया। उन्होंने बताया कि पानी कैसे वाष्प बनकर बादल बनता है और फिर बारिश के रूप में धरती पर लौटता है।
• ओम ने पत्ते के भाग (Parts of the Leaf) का चित्र बनाया। उसने ब्लेड, पेटीओल, मिडरिब और वेन्स को अच्छे से लेबल किया और रंगों से सुंदरता प्रदान की।
• इशु भारती, रागिनी, सुयश, आर्यन, चंदन, कुणाल और आदित्य ने पृथ्वी का घूर्णन (Rotation of the Earth) विषय पर चित्र बनाया। उन्होंने दिन और रात के बदलने की प्रक्रिया को सुंदर चित्रों के माध्यम से समझाया।
• मयंक ने पृथ्वी की संरचना (Structure of the Earth) पर चित्र बनाया। उसने क्रस्ट, मेंटल और कोर को लेबल किया और उनकी विशेषताओं को भी समझाया।
• रौनक प्रिया रॉय और रिया ने बड़ी आंत (Large Intestine) पर चित्र बनाया। उन्होंने पाचन क्रिया के अंतिम भाग को अच्छे से दिखाया और बताया कि अपशिष्ट पदार्थ शरीर से कैसे बाहर निकलते हैं।
• कुणाल, मयंक और शिवम ने पौधे के भाग (Parts of the Plant) पर सुंदर चित्र बनाए। उन्होंने जड़, तना, पत्ती, फूल और फल को अलग-अलग रंगों से दर्शाया और उनके कार्य भी बताए।
सभी बच्चों के चित्रों से उनकी सोच, भावना और विषय को समझने की क्षमता साफ दिखाई दी। इस गतिविधि से बच्चों की कल्पनाशक्ति बढ़ी और उन्होंने विज्ञान के बारे में नई बातें भी सीखी।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था
इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें प्रोजेक्ट के माध्यम से सीखने के लिए प्रेरित करना था। साथ ही बच्चों को मंच प्रदान करना था, जहाँ वे अपने विचारों को चित्रों के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकें।

निष्कर्ष
यह आयोजन बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के कठिन विषयों को आसानी से समझा बल्कि अपने चित्रों के माध्यम से दूसरों को भी समझाने की कोशिश की। इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करती हैं और उनमें आत्मविश्वास भरती हैं।