सुपौल, 18 अक्टूबर 2025 को सार्थक प्राइमरी एकेडमी में दिवाली के मौके पर बच्चों के लिए एक खास गतिविधि आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था बच्चों में दिवाली के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इस त्यौहार की परंपराओं से जोड़ना। विद्यालय के शिक्षक एस. सी. बासु सर के मार्गदर्शन में कक्षा 1 से कक्षा 6 तक के छात्रों ने दिवाली थीम पर अलग-अलग रचनात्मक कार्य किए। बच्चों ने चार्ट पेपर पर सुंदर रंगोली बनाई और दीया को रंग-बिरंगे रंगों व सजावटी सामग्री से सजाया।
सभी छात्रों ने बड़े उत्साह और रचनात्मकता के साथ भाग लिया। बच्चों की रंगोलियाँ और सजे हुए दीये देखकर विद्यालय का माहौल उत्सवमय हो गया। शिक्षकों ने बच्चों की सराहना की और उन्हें बताया कि दिवाली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि साफ-सफाई, एकता और खुशियों को बांटने का संदेश देने वाला पर्व है। इस कार्यक्रम से बच्चों में न केवल कला के प्रति रुचि जगी, बल्कि उन्होंने त्यौहार को सही अर्थों में मनाने का संदेश भी सीखा।
विद्यालय के छात्रों ने दिवाली थीम पर सुंदर-सुंदर चित्र बनाए, जिनमें रंग, खुशी और रोशनी की झलक साफ दिखाई दी। हर बच्चे ने अपने चित्र में दिवाली की भावना 'अंधकार पर प्रकाश की विजय और खुशियों के प्रसार का संदेश' को बखूबी दिखाया। बच्चों के सुंदर चित्रों ने विद्यालय का माहौल दिवाली की रोशनी और खुशियों से भर दिया।
• कक्षा 5 की अनन्या भारती ने अपने चित्र के माध्यम से “दीपावली” का संदेश बहुत ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया है। चित्र में एक पारंपरिक भारतीय नारी को दर्शाया गया है, जो दीपक लिए हुए है। अनन्या भारती ने रंगों का चयन बहुत सोच-समझकर किया है — पीला, नीला और नारंगी रंग मिलकर चित्र में ऊर्जा और उत्सव का माहौल बनाते हैं। चित्र के चारों ओर बनाए गए कमल और पत्तों के डिज़ाइन इसे और भी सजावटी बनाते हैं। “HAPPY DIWALI” शब्द और ‘ॐ’ का चिन्ह इसे आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं।
• कक्षा 5 की भाव्य भावना द्वारा बनाया गया यह चित्र सच में बेहद आकर्षक और सटीक कलाकृति है। रंगोली के डिजाइन में भाव्य भावना ने संतुलन और समरूपता का बहुत अच्छा ध्यान रखा है। हर पंखुड़ी और आकृति को उसने बेहद ध्यानपूर्वक रंगों से भरा है। गुलाबी, नारंगी, हरा, नीला और पीला रंग मिलकर चित्र को न सिर्फ उज्ज्वल बनाते हैं, बल्कि उसमें उत्सव का पूरा माहौल जीवंत कर देते हैं। चित्र के बीच में लिखा “HAPPY DIWALI” पूरे पोस्टर का केंद्र बिंदु है, जो दर्शाता है कि यह कला प्रेम और प्रकाश का संदेश देने के लिए बनाई गई है।• कक्षा 2 की पल्लवी ने अपने चित्र में दीपक और मोर के पंखों का सुंदर संयोजन दिखाया है, जो देखने में बेहद आकर्षक लगता है। चित्र के बीच में बना दीपक उजाले और आशा का प्रतीक है, जबकि उसके चारों ओर बने रंग-बिरंगे पंख चित्र को उत्सवपूर्ण और जीवंत बना रहे हैं। पीला, नीला, गुलाबी और हरा रंग एक-दूसरे के साथ बहुत सुंदर मेल बना रहे हैं।
• कक्षा 2 की अंजलि द्वारा बनाया गया रंगोली का चित्र बहुत सुंदर और रंग-बिरंगा है। इसमें एक बड़ी फूल जैसी आकृति बनाई गई है, जिसमें अलग-अलग रंगों की पंखुड़ियाँ हैं — नीला, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी, बैंगनी आदि। बीच में गोलाकार डिजाइन बनाई गई है जो चित्र को संतुलित और आकर्षक बनाती है। चित्र के चारों ओर छोटी-छोटी सजावट की गई है, जिससे यह और भी मनमोहक लगता है। यह चित्र रचनात्मकता और रंगों के सुंदर उपयोग का अच्छा उदाहरण है।
• कक्षा 2 की साक्षी द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत सुंदर है। इसमें एक गोलाकार रंगोली का डिजाइन बनाया गया है, जिसके बीच में नारंगी और हरे रंग की पंखुड़ियाँ हैं। चारों कोनों में छोटे-छोटे दीयों और फूलों की आकृतियाँ बनाई गई हैं जो चित्र को त्योहार जैसा आनंदपूर्ण रूप देती हैं। रंगों का चयन साफ-सुथरा और आकर्षक है। यह चित्र साक्षी की कल्पनाशक्ति और रंगों के प्रति अच्छी समझ को दर्शाता है।• कक्षा 2 की परी द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत सुंदर और रचनात्मक है। इसमें पीले रंग की पृष्ठभूमि पर हरे, नीले और नारंगी रंगों से एक आकर्षक डिजाइन बनाई गई है। चित्र के केंद्र में हरे पत्तों जैसी आकृति है, जिसके ऊपर मोर के समान आकृति उभरी हुई है। चारों ओर नीले और हरे रंग के सुंदर पैटर्न बनाए गए हैं जो इसे जीवंत और मनमोहक बनाते हैं।
• कक्षा 3 की दीक्षा द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत सुंदर और रंगीन है। इसमें गोलाकार आकृति में अलग-अलग रंगों — गुलाबी, नीला, हरा, पीला और भूरा — का बहुत ही सुंदर संयोजन किया गया है। चारों ओर पंखुड़ियों जैसी डिजाइन इसे फूल का रूप देती है। नीचे दो दीये बनाए गए हैं जो दीपावली के माहौल को दर्शाते हैं। चित्र में रंगों का प्रयोग संतुलित और आकर्षक है।
• कक्षा 6 की खुशी और रिया द्वारा बनाया गया यह चित्र अत्यंत सुंदर और सृजनात्मक है। यह पूरी तरह काले पेंसिल शेड से बनाया गया है, जिसमें बारीक डिज़ाइन और सुंदर आकृतियाँ दिखाई देती हैं। चित्र में गोलाकार पारंपरिक रंगोली जैसी डिज़ाइन है, जिसके चारों ओर फूलों और दीयों की कलात्मक सजावट की गई है। एक ओर मोर की आकृति भी बड़ी सुंदरता से बनाई गई है। यह चित्र उनकी बारीक रेखांकन कला और धैर्यपूर्ण मेहनत को दर्शाता है।
• कक्षा 3 की रोली द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत ही सुंदर और रंग-बिरंगा है। इसमें गोल आकार की रंगोली बनाई गई है, जिसके केंद्र में एक दीपक बना है जो प्रकाश और उत्सव का प्रतीक है। उसके चारों ओर नीले, गुलाबी, पीले, हरे और नारंगी रंगों की नुकीली डिजाइन बनाई गई है जो इसे आकर्षक बनाती है। बाहरी किनारे पर लाल बिंदुओं से सजावट की गई है, जिससे चित्र को पूरा और सुंदर रूप मिला है।
• कक्षा 4 की नगमा द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत ही सुंदर और सुसज्जित है। इसमें रंगोली की गोलाकार आकृति बनाई गई है, जिसके केंद्र में एक दीपक बना है जो प्रकाश और उत्सव का प्रतीक है। उसके चारों ओर हरे पत्तों जैसी आकृतियाँ और रंग-बिरंगी पंखुड़ियाँ बनाई गई हैं — नीला, पीला, गुलाबी, नारंगी और बैंगनी रंगों के संयोजन से यह चित्र बेहद आकर्षक लग रहा है। बाहर की ओर छोटे बिंदुओं और पत्तियों की सजावट ने इसकी सुंदरता को और बढ़ा दिया है।
• कक्षा 4 की शालू प्रिया द्वारा बनाया गया यह चित्र बहुत ही सुंदर और कलात्मक है। इसमें पेंसिल शेडिंग का उपयोग करते हुए बारीकी से डिजाइन बनाई गई है। बीच में गोल आकार की सुंदर रंगोली जैसी आकृति है, जिसके चारों ओर फूल बने हैं। दोनों ओर बांसुरी और कमल के संयोजन से चित्र को सजाया गया है, जो इसे पारंपरिक और सांस्कृतिक रूप देता है। “Happy Diwali” शब्दों के साथ यह चित्र त्यौहार की भावना को खूबसूरती से दर्शाता है।
• कक्षा 4 की रिया का यह चित्र बहुत सुंदर और रचनात्मक है। उसने गुलाबी रंग के पन्ने पर “Happy Diwali” विषय पर चित्र और लेख दोनों बनाए हैं। ऊपर की ओर सजावट की झालरें और दीपक बने हैं, जो त्योहार का माहौल दिखाते हैं। नीचे एक भारतीय नारी दीयों से सजी बालकनी में खड़ी है, जो दीपावली की रात का सुंदर दृश्य दर्शाता है। बीच में रिया ने दीपावली के बारे में कुछ पंक्तियाँ भी लिखी हैं।
• कक्षा 3 की मीनाक्षी ने अपने चित्र में एक सुंदर मोर बनाया है, जिसे उसने बहुत ही खूबसूरती से सजाया है। मोर के पंख रंग-बिरंगे हैं और उनमें सुंदर डिजाइन बनाए गए हैं। ऊपर “Happy Diwali” लिखा है, जिससे त्योहार की खुशी झलकती है। चित्र के नीचे मीनाक्षी ने एक दीपक (दीया) भी बनाया है, जो रोशनी और शुभता का प्रतीक है। पूरा चित्र दीपावली के उत्सव और सुंदरता को बहुत ही प्यारे तरीके से दिखाता है।
• कक्षा 3 की मीनाक्षी ने अपने चित्र में एक सुंदर मोर बनाया है, जिसे उसने बहुत ही खूबसूरती से सजाया है। मोर के पंख रंग-बिरंगे हैं और उनमें सुंदर डिजाइन बनाए गए हैं। ऊपर “Happy Diwali” लिखा है, जिससे त्योहार की खुशी झलकती है। चित्र के नीचे मीनाक्षी ने एक दीपक (दीया) भी बनाया है, जो रोशनी और शुभता का प्रतीक है। पूरा चित्र दीपावली के उत्सव और सुंदरता को बहुत ही प्यारे तरीके से दिखाता है।
छात्राओं द्वारा बनाई गई सुंदर रंगोली:
कक्षा 6 की छात्राओं ने अपनी कला और सृजनशीलता का शानदार प्रदर्शन किया। छात्राएँ विद्यालय की कक्षा में सुंदर रंगोली बनाती दिखाई दीं, जिसमें रंगों का मेल और डिज़ाइन देखने लायक था। उनकी रंगोली में दिवाली की भावना 'रोशनी, खुशियाँ और सौंदर्य' झलक रही थी।
कक्षा 6 की छात्राओं नेहा, अंबिका, रिया, अजनबी, खुशी, प्राची और शांभवी द्वारा बनाई गई यह रंगोली बहुत सुंदर और आकर्षक है। इसमें हरे, गुलाबी, पीले और सफेद रंगों का सुंदर संयोजन किया गया है। रंगोली के केंद्र में एक दीपक रखा गया है जो पूरी रंगोली को और भी अधिक चमकदार बना रहा है। चारों ओर फूलों की पंखुड़ियों जैसी डिजाइन बनाई गई है जो इसे पारंपरिक और मनमोहक रूप देती है। रंगों की सादगी और संतुलन इस बात को दर्शाते हैं कि यह रंगोली बहुत मेहनत और सृजनात्मकता से बनाई गई है।
बच्चों ने दीयों को रंगों से सजाया:
बच्चों ने दीयों को रंग-बिरंगे रंगों से सजाया, जिससे हर दीया देखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षक लग रहा था। बच्चों ने दीयों पर पेंट, ग्लिटर, रंगीन कागज और अन्य सजावटी सामग्री का इस्तेमाल किया। कुछ बच्चों ने दीयों पर फूलों और चमकदार पैटर्न बनाकर उन्हें और भी आकर्षक बनाया।
• कक्षा 4 की रागिनी ने बहुत ही रचनात्मक तरीके से अपना चित्र बनाया है। उसने कागज पर सुंदर फूल बनाया है, जिसकी पंखुड़ियाँ पीले, हरे और गुलाबी रंगों में रंगी हुई हैं। फूल के बीच में रागिनी ने असली दिया रखकर उसे सजाया है। चित्र के चारों कोनों में छोटे-छोटे दिए और स्वस्तिक के चिन्ह बनाए गए हैं, जो शुभता और दीपावली की भावना को दर्शाते हैं।• कक्षा 4 की नगमा ने अपने दीयों को बहुत ही सुंदर और रचनात्मक तरीके से सजाया है। उसने तीन दीए सजाए हैं — एक बड़ा बीच में और दो छोटे दोनों तरफ। बड़े दीए को उसने गुलाबी, नीले और पीले रंगों से सजाया है और उसके अंदर सुंदर डिजाइन बनाई है। दोनों छोटे दीयों को हरे और लाल रंग से रंगकर आकर्षक बनाया है। दीयों को उसने गुलाबी चार्ट पेपर पर चिपकाया है और उसके आसपास चमकीले बिंदु और फूलों को भी बनाकर लगाए हैं। “Happy Diwali” भी सुंदर अक्षरों में लिखा गया है।
• कक्षा 4 की शालू प्रिया ने अपने दीयों को बहुत ही सुंदर और कलात्मक तरीके से सजाया है। उसने एक पीले रंग की थाली को बनाकर सजावट के लिए इस्तेमाल किया है और उस पर पाँच रंग-बिरंगे दीए लगाए हैं। हर दीए को अलग-अलग रंगों जैसे हरा, गुलाबी, नीला और लाल से रंगा गया है। थाली के बीच में बड़े दीए को रखा गया है, जिसे उसने लाल बिंदुओं और सफेद मोतियों से सजाया है और एक गुलाबी फूल भी लगाया गया है, जिससे उसका रूप और भी सुंदर लग रहा है।
• कक्षा 5 के आदित्य ने अपना दिया बहुत ही सुंदर और सलीकेदार तरीके से सजाया है। उसने दीए को गहरे गुलाबी रंग से रंगा है और उसके चारों ओर मोतियों और रंगीन मनकों (beads) से सजावट की है। ऊपर की किनारी पर छोटे-छोटे सफेद मोती लगाए गए हैं, जिससे दिया बहुत आकर्षक लग रहा है। नीचे की ओर उसने सुनहरे धागे चिपकाए हैं, जो दीए की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। आदित्य का दिया साफ-सुथरा, सुंदर और त्योहार की रौनक से भरा हुआ है। यह दीया सच में दीपावली की सजावट को और भी खास बना देता है।
• कक्षा 4 के हेमंत ने अपने दीए को बहुत ही अनोखे और धार्मिक तरीके से सजाया है। उसने दीए के अंदर भगवान राम का सुंदर चित्र बनाया है, जिसमें राम जी धनुष-बाण के साथ दिखाई दे रहे हैं। दीए की पृष्ठभूमि को उसने नारंगी और लाल रंग से सजाया है। दीए के चारों ओर हेमंत ने “राम-राम” लिखा है, जो भगवान के प्रति उसकी श्रद्धा को दर्शाता है। यह दिया न केवल सुंदर है बल्कि इसमें भक्ति और कला का सुंदर मेल दिखाई देता है। हेमंत का यह काम दीपावली की सच्ची भावना — प्रकाश और श्रद्धा — दोनों को खूबसूरती से दिखाता है।
• कक्षा 4 की ईशु भारती ने अपने दीए को बहुत ही सुंदर और रंगीन तरीके से सजाया है। उसने पीले चार्ट पेपर पर रंगोली बनाया है, जिसमें लाल, नीले और सुनहरे रंगों का सुंदर मेल दिखाई देता है। इस डिजाइन के बीच में ईशु भारती ने अपना दिया रखा है, जिसे उसने गुलाबी रंग से रंगा है। ऊपर “Happy Diwali” लिखा है और नीचे दोनों ओर छोटे-छोटे दीए बनाए गए हैं, जो पूरे चित्र को और भी आकर्षक बनाते हैं।• कक्षा 4 की खुशी ने अपना दिया बहुत सुंदर और रचनात्मक तरीके से सजाया है। उसने सफेद चार्ट पेपर पर रंगीन फूलों जैसी डिजाइन बनाई है, जिसके बीच में उसने अपना दिया रखा है। दीए को उसने गहरे लाल रंग से रंगा है और उसकी किनारी पर सफेद बिंदुओं से सजावट की है, जिससे दिया बहुत आकर्षक लग रहा है। चित्र में ऊपर रंग-बिरंगी झालरें बनाई गई हैं और नीचे छोटे-छोटे दीए व “शुभ दीवाली” लिखा है। खुशी का यह काम बहुत साफ-सुथरा और सुंदर है, जिसमें रंगों की सुंदरता और त्योहार की भावना दोनों झलकती हैं।
• कक्षा 4 की शिवानी ने अपना दिया बहुत सुंदर और सलीके से सजाया है। उन्होंने एक गोल प्लेट बनाकर उस पर रंग-बिरंगी डिजाइन बनाई है, जिसमें पीले, गुलाबी और नीले रंगों का प्रयोग किया गया है। बीच में एक बड़ा दिया रखा गया है और उसके चारों ओर छोटे-छोटे दीए सजाए गए हैं, जिससे पूरा सजावट का रूप बहुत आकर्षक लग रहा है।
• कक्षा 5 के सत्यम ने बहुत ही सुंदर और अनोखे तरीके से अपना दिया सजाया है। उसने दिए को एक कागज़ से बने कमल के फूल के बीच रखा है, जिससे यह बहुत आकर्षक लग रहा है। कमल के फूल की पंखुड़ियों को उसने सफेद और हल्के गुलाबी रंग से बनाया है, जो बहुत सुंदर दिख रहा है। दिए को नीले रंग से सजाया गया है, और उसे फूल के केंद्र में रखा गया है, जिससे ऐसा लगता है जैसे दिया कमल के ऊपर खिला हुआ हो।
• कक्षा 5 के सत्यम ने बहुत ही सुंदर और अनोखे तरीके से अपना दिया सजाया है। उसने दिए को एक कागज़ से बने कमल के फूल के बीच रखा है, जिससे यह बहुत आकर्षक लग रहा है। कमल के फूल की पंखुड़ियों को उसने सफेद और हल्के गुलाबी रंग से बनाया है, जो बहुत सुंदर दिख रहा है। दिए को नीले रंग से सजाया गया है, और उसे फूल के केंद्र में रखा गया है, जिससे ऐसा लगता है जैसे दिया कमल के ऊपर खिला हुआ हो।
• कक्षा 2 के लक्ष्य बर्धन ने बहुत ही सुंदर और चमकदार दिया सजाया है। उसने अपने दिए को रंग-बिरंगे कागज़ से ढका है, जिससे वह बहुत आकर्षक लग रहा है। दिए के चारों ओर छोटी-छोटी रंगीन लाइटें लगाई गई हैं, जो उसे और भी सुंदर बना रही हैं। लक्ष्य बर्धन ने अपने दिए को बहुत प्यार और कल्पना से सजाया है। उसका यह दिया रोशनी और रंगों से भरा हुआ है, जो दीवाली के उत्सव की खुशियों को बहुत खूबसूरती से दर्शाता है।
शिक्षकों का संबोधन:
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय के निदेशक राजन सर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “दिवाली का अर्थ केवल दीये जलाना और पटाखे फोड़ना नहीं है, बल्कि यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय और अच्छाई पर बुराई की जीत का संदेश देता है।” उन्होंने छात्रों को समझाया कि हमें दिवाली को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाना चाहिए 'पटाखों से दूरी बनाकर, दीये जलाकर और दूसरों की खुशियों में शामिल होकर।'
विद्यालय के एकेडमिक एडवाइजर रोहित सर ने कहा कि ऐसे रचनात्मक कार्यक्रमों से बच्चों की कला, कल्पनाशक्ति और सामूहिकता की भावना बढ़ती है। रोहित सर ने सभी बच्चों की मेहनत की सराहना की और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक सोच, स्वच्छता और एकता अपनाने के लिए प्रेरित किया।
अन्य शिक्षकों ने भी बच्चों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह त्यौहार हमें सिखाता है कि जैसे दीपक अंधकार मिटाता है, वैसे ही हमें अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर कर अच्छे कर्मों से समाज को रोशन करना चाहिए।
निष्कर्ष:
इस पूरे कार्यक्रम ने विद्यालय में उत्सव, उमंग और सृजनशीलता का वातावरण बना दिया। बच्चों ने न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि दिवाली के वास्तविक अर्थ – “प्रकाश, प्रेम और सकारात्मकता” को भी समझा।
सार्थक प्राइमरी एकेडमी द्वारा आयोजित यह गतिविधि बच्चों के लिए एक सीख देने वाला अनुभव बनी। इसने साबित किया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और समाज से जुड़ाव का माध्यम भी है।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर दीये जलाए और एक-दूसरे को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। विद्यालय परिवार ने इस अवसर को “प्रकाश से खुशियों तक” की भावना के साथ मनाया।
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