सार्थक प्राइमरी एकेडमी द्वारा मां वन देवी दुर्गा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सेवा: शरबत और पेयजल कैंप का आयोजन

 सुपौल। नवरात्रि का पावन अवसर जब आता है, तो चारों ओर एक भक्तिमय वातावरण स्थापित हो जाता है। इस समय में पूरे देश भर में देवी दुर्गा की आराधना और पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, और ऐसे समय में कई संस्थान और संगठन श्रद्धालुओं की सेवा में जुट जाते हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सुपौल जिले की सार्थक प्राइमरी एकेडमी ने इस वर्ष दिनांक: 03/10/24 को जिले के प्रसिद्ध मां वन देवी दुर्गा मंदिर परिसर हरदी में निःशुल्क शरबत और शुद्ध पेयजल कैंप का आयोजन किया है, जिससे हजारों श्रद्धालु लाभान्वित हो रहे हैं।


सेवा का महत्व और प्रेरणा

सदर प्रखंड में स्थित मां दुर्गा शक्ति पीठ हरदी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां नवरात्रि के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां आने वाले भक्त देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना में भाग लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं। ऐसे समय में उनकी सेवा करना एक महान कार्य माना जाता है, और इस बार यह जिम्मेदारी सार्थक प्राइमरी एकेडमी ने उठाई है। यह सेवा  पूरी नवरात्रि अवधि के दौरान, कलश स्थापना से लेकर विजयादशमी तक, अनवरत रूप से जारी रहेगी।

सार्थक प्राइमरी एकेडमी के निदेशक, राजन चमन, ने बताया कि पिछले साल नवरात्रि के समय उन्होंने देखा था कि श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल की काफी कमी का सामना करना पड़ रहा था। भक्तों को पीने के पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता था, और इस असुविधा से उन्हें काफी परेशानी हो रही थी। इस अनुभव ने उन्हें इस वर्ष नवरात्रि के दौरान शुद्ध पेयजल और शरबत की व्यवस्था करने के लिए प्रेरित किया। राजन चमन ने कहा, “यह मां दुर्गा की कृपा है कि हम इस बार इस सेवा को प्रारंभ कर सके। हमारा उद्देश्य है कि जो भी भक्त यहां आएं, उन्हें किसी प्रकार की पेयजल की समस्या का सामना न करना पड़े। शरबत की व्यवस्था भी इसलिए की गई है ताकि थके-मांदे श्रद्धालुओं को थोड़ी राहत मिल सके।”

निःशुल्क सेवा और भक्तों की प्रतिक्रिया

निःशुल्क शरबत और पेयजल कैंप की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन से ही कर दी गई थी। इस कैंप में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु का स्वागत शरबत के साथ किया जाता है, और उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है, और इसे प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की औपचारिकता का पालन नहीं करना पड़ता। यह सेवा उनकी सुविधा और भक्ति भावना को और अधिक प्रबल करने का एक प्रयास है।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया इस सेवा को लेकर काफी सकारात्मक रही है। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं ने इस सेवा के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे बहुत ही सहायक माना। एक स्थानीय भक्त ने बताया, “हर साल हम यहां पूजा करने आते हैं, लेकिन इस बार पेयजल की यह व्यवस्था देख कर बहुत अच्छा लगा। इससे हमें पूजा के दौरान काफी सहूलियत मिली है।” इसी प्रकार, कई अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस सेवा की सराहना की और बताया कि इस प्रकार की सेवाएं धार्मिक स्थलों पर बहुत आवश्यक हैं, विशेष रूप से जब बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।

सेवा के पीछे का उद्देश्य

राजन चमन ने इस सेवा के पीछे के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है। यह सेवा केवल पेयजल और शरबत तक सीमित नहीं है, बल्कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को एक बेहतर अनुभव मिले। हम चाहते हैं कि जब लोग यहां से जाएं, तो उनके मन में एक सुखद अनुभव हो और वे बिना किसी असुविधा के देवी मां की पूजा कर सकें।”

उन्होंने यह भी बताया कि यह सेवा केवल इस वर्ष तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे हर साल दुर्गा पूजा के अवसर पर जारी रखने की योजना है। राजन चमन ने कहा, “हम हर साल इस सेवा को और बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। आने वाले समय में हम इस सेवा का विस्तार करेंगे और इसे अधिक व्यापक बनाएंगे, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इससे लाभान्वित हो सकें।”

भविष्य की योजनाएं

सार्थक प्राइमरी एकेडमी ने इस सेवा को एक स्थायी पहल बनाने की योजना बनाई है। राजन चमन ने बताया कि अगले वर्ष से इस सेवा में और भी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। उन्होंने कहा, “अगले वर्ष हम केवल पेयजल और शरबत तक सीमित नहीं रहेंगे। हमारी योजना है कि हम भोजन की व्यवस्था भी करें, ताकि जो श्रद्धालु दूर-दराज से आते हैं, उन्हें यहां पर भोजन की भी कोई कमी न हो।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में इस सेवा के दायरे को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि यह सेवा केवल नवरात्रि तक सीमित न रहकर अन्य धार्मिक अवसरों पर भी उपलब्ध हो सके।

सार्थक प्राइमरी एकेडमी की इस पहल को स्थानीय लोगों और भक्तों के बीच काफी सराहना मिल रही है। मंदिर प्रशासन ने भी इस सेवा को सराहा और इसे मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना। मंदिर के एक पुजारी ने बताया, “हर साल नवरात्रि के समय यहां भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है, और ऐसे समय में इस प्रकार की सेवाएं बहुत सहायक होती हैं। हम सार्थक प्राइमरी एकेडमी के इस प्रयास की सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे इस सेवा को हर साल जारी रखें।”

सार्थक प्राइमरी एकेडमी: शिक्षा के साथ सेवा का संकल्प

सार्थक प्राइमरी एकेडमी, जो सुपौल जिले में एक प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान के रूप में जानी जाती है, ने इस पहल के माध्यम से यह दिखाया है कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं होती। इस प्रकार की सेवाएं समाज के प्रति संस्थान की जिम्मेदारी और समर्पण को दर्शाती हैं। राजन चमन ने कहा, “हमारे संस्थान का मुख्य उद्देश्य शिक्षा देना है, लेकिन इसके साथ ही हमारा कर्तव्य है कि हम समाज की सेवा भी करें। हम मानते हैं कि शिक्षा और समाज सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं।”

निष्कर्ष

नवरात्रि के इस पावन अवसर पर सार्थक प्राइमरी एकेडमी द्वारा मां वन देवी दुर्गा मंदिर परिसर में लगाया गया शरबत और पेयजल कैंप न केवल श्रद्धालुओं की सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी की भी एक महत्वपूर्ण पहल है। यह सेवा केवल एक संस्थान की ओर से किया गया प्रयास नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है।