सुपौल स्थित सार्थक प्राइमरी एकेडमी में इस वर्ष दिनांक: 17/09/24 को विश्वकर्मा पूजा का आयोजन बेहद श्रद्धा और सादगी के साथ किया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय के निदेशक राजन चमन और शैक्षणिक निदेशक रोहित मिश्रा ने मिलकर पूजा संपन्न की। विद्यालय परिसर में दोनों ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर तकनीकी प्रगति और सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा।
पूजा का आयोजन
पूजा की शुरुआत विद्यालय के तकनीकी उपकरणों, जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, और स्मार्ट क्लास से जुड़ी तकनीकियों के समर्पण के साथ हुई। राजन सर और रोहित सर ने मिलकर पूजा स्थल को तैयार किया और भगवान विश्वकर्मा के समक्ष विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने विद्यालय के शैक्षणिक उपकरणों की सफलता और उचित उपयोग के लिए आशीर्वाद मांगा, ताकि बच्चे शिक्षा और तकनीकी ज्ञान में आगे बढ़ सकें।
विश्वकर्मा पूजा का उद्देश्य
राजन चमन ने कहा, "भगवान विश्वकर्मा निर्माण और तकनीकी कौशल के प्रतीक हैं। आज के युग में शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी उन्नति भी बहुत महत्वपूर्ण है, और हम इसी दिशा में सार्थक प्राइमरी एकेडमी में प्रयासरत हैं।" उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय की तकनीकी सुविधाओं को और बेहतर करने का निरंतर प्रयास किया जाएगा।
रोहित मिश्रा ने भी इस मौके पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "विश्वकर्मा पूजा हमें यह याद दिलाती है कि मेहनत और तकनीकी दक्षता के बिना कोई भी काम संभव नहीं है। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि तकनीकी रूप से भी उन्नत बनें।"
सरल लेकिन सार्थक आयोजन
इस वर्ष का आयोजन सीमित और सादगीपूर्ण रखा गया, लेकिन इसका उद्देश्य और भावना गहरी थी। पूजा में किसी बड़े कार्यक्रम का आयोजन न करके, राजन सर और रोहित सर ने मिलकर इसे निजी रूप से संपन्न किया। दोनों ने भगवान विश्वकर्मा से विद्यालय और बच्चों की प्रगति के लिए प्रार्थना की और आने वाले समय में विद्यालय की तकनीकी और शैक्षिक संरचना को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।
निष्कर्ष
सार्थक प्राइमरी एकेडमी में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह शिक्षा, तकनीकी उन्नति और समर्पण के प्रति एकजुटता को भी दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजनों से विद्यालय के बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से अवगत कराया जाता है, जिससे उनके नैतिक और शैक्षिक विकास में भी वृद्धि होती है।