स्थान: सुपौल-सिहेश्वर मेन रोड, वार्ड नं. 06, गौरवगढ़, सुपौल
दिनांक: 23 जून 2025गर्मी की छुट्टियों के बाद सार्थक प्राइमरी एकेडमी, सुपौल में आज एक विशेष विज्ञान प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह आयोजन मुख्य रूप से कक्षा 4, 5 और 6 के छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट्स पर आधारित था। उल्लेखनीय है कि विद्यालय द्वारा दिनांक 12 जून 2025 को छात्रों को गर्मी की छुट्टियों में विज्ञान आधारित प्रोजेक्ट तैयार करने का कार्य दिया गया था।
आज जब विद्यालय दोबारा खुला, तो इन प्रोजेक्ट्स की रंगारंग प्रदर्शनी की गई, जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और वैज्ञानिक समझ का अद्भुत प्रदर्शन किया। बच्चों ने सौर मंडल, अस्पताल, विद्यालय भवन, पवनचक्की और मकान के प्रकार जैसे विषयों पर मॉडल बनाए थे।
विद्यालय द्वारा श्रेष्ठ मॉडल प्रस्तुत करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिया गया। पुरस्कार पाने वाले छात्रों में प्रमुख रूप से:
• कक्षा 4 के छात्र रजनीकांत प्रवीण ने कहा, "मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैंने अस्पताल मॉडल बनाकर बताया कि गांव में प्राथमिक चिकित्सा कितनी ज़रूरी है।"
• कक्षा 5 की छात्रा दर्पण कुमारी ने कहा, "मैंने स्कूल भवन बनाया ताकि हम सब समझ सकें कि विद्यालय की संरचना कैसी होती है।"
• कक्षा 6 की छात्रा अंबिका कुमारी ने कहा, “मैंने यह मॉडल इसलिए बनाया क्योंकि हर किसी को एक अच्छा, मजबूत और सुरक्षित घर मिलना चाहिए। घर ही वह जगह है जहाँ हम आराम और सुरक्षा महसूस करते हैं।”
बाकी सभी बच्चों ने भी अपनी मेहनत और कल्पनाशक्ति से बेहतरीन विज्ञान प्रोजेक्ट तैयार किए। हर एक मॉडल में किसी न किसी महत्वपूर्ण विषय को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने सीमित संसाधनों में भी अपनी प्रतिभा और समझ का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यह स्पष्ट है कि छात्रों ने न केवल विषय को समझा, बल्कि उसे व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत करना भी सीखा। ऐसे प्रयास निश्चित ही उनके उज्जवल भविष्य की नींव मजबूत करते हैं।
विद्यालय द्वारा श्रेष्ठ मॉडल प्रस्तुत करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिया गया। पुरस्कार पाने वाले छात्रों में प्रमुख रूप से:
“हर बच्चे ने जिस तरह से विषय को समझकर उसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, वह सराहनीय है। इससे उनकी वैज्ञानिक सोच और कल्पनाशक्ति में वृद्धि होती है। यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की नींव है।”
“इस तरह के प्रोजेक्ट्स से बच्चों में सोचने, समझने और प्रस्तुत करने की क्षमता बढ़ती है। यह सिर्फ एक होमवर्क नहीं था, बल्कि एक रचनात्मक अभ्यास था।”
“हमारे विद्यालय का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि व्यावहारिक और बौद्धिक विकास भी सुनिश्चित करना है। नवोदय, सैनिक स्कूल जैसे संस्थानों की तैयारी भी हम इसी सोच के साथ कराते हैं।”
कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय के शिक्षक नंदन सर ने कहा:
“बच्चों ने बहुत ही लगन और मेहनत से कार्य किया है। यह सिर्फ एक छुट्टी का प्रोजेक्ट नहीं था, बल्कि एक रचनात्मक प्रयास था, जो बच्चों के अंदर छुपे वैज्ञानिक सोच को सामने लाया।”
विद्यालय के निदेशक श्री राजन चमन ने कहा,
“बच्चों द्वारा बनाए गए विज्ञान प्रोजेक्ट्स यह साबित करते हैं कि अगर सही मार्गदर्शन मिले तो ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी कल्पना, विज्ञान और प्रस्तुति में किसी से कम नहीं हैं।”
इस आयोजन के माध्यम से छात्रों को न केवल वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिला, बल्कि सामूहिक कार्य और प्रस्तुति कौशल का भी अभ्यास हुआ।
विद्यालय में आयोजित इस प्रोजेक्ट प्रदर्शनी ने यह प्रमाणित कर दिया कि सार्थक प्राइमरी एकेडमी शिक्षा के हर आयाम में बच्चों को सक्षम बनाने हेतु लगातार प्रयासरत है।