स्थान: गौरवगढ़, सुपौल
विद्यालय: सार्थक प्राइमरी एकेडमी
दिनांक: 05 अगस्त 2025
विद्यालय: सार्थक प्राइमरी एकेडमी
दिनांक: 05 अगस्त 2025
शिक्षक दिवस का अवसर प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को पूरे देशभर में बड़े उत्साह और आदर के साथ मनाया जाता है। यह दिन केवल एक साधारण उत्सव भर नहीं है, बल्कि हमारे जीवन में गुरुजनों की महत्ता को याद करने और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर भी है। इस दिन को भारत के द्वितीय राष्ट्रपति, प्रख्यात दार्शनिक और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि “सच्चा शिक्षक वही है, जो अपने ज्ञान से समाज को दिशा दे और विद्यार्थियों को योग्य नागरिक बनाए।” इसी प्रेरणा और परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सुपौल स्थित सार्थक प्राइमरी एकेडमी में दिनांक 05 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस दिन विद्यालय के प्रांगण में सुबह से ही उल्लास और उत्साह का माहौल था। बच्चे और शिक्षक सभी अपनी-अपनी विशेष तैयारियों के साथ उपस्थित हुए। विद्यालय को रंग-बिरंगे फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले स्वागत समारोह से हुई। कक्षा पाँच की छात्राओं अंकिता, भाव्या भावना, अनुप्रिया और परिधि ने मिलकर विद्यालय में पधारे सभी शिक्षकों एवं विशेष अतिथि का पुष्प वर्षा द्वारा स्वागत किया। विद्यालय के निदेशक राजन सर, एकेडमिक एडवाइजर रोहित सर, शिक्षक नंदन सर, अजीत सर, दीपक ठाकुर सर, कुंदन सर, आर.के. सर, रामप्रकाश सर, एस.सी. बासु सर, एस.एन. सर, संजय सर, संतोष सर, सतीश सर, सुनील सर, सत्यम सर, और शिक्षिकाएँ सोनी, मधु, नैन्सी, मनीषा सहित सभी शिक्षकगण गरिमामय उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। विशेष अतिथि के रूप में कौशल किशोर यादव जी भी मौजूद थे।
शिक्षकों और अतिथि का स्वागत समारोह सम्पन्न होने के बाद सभी मान्यवरों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया। दीप प्रज्वलन के इस अवसर पर पूरा हॉल “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु...” की वंदना से गूंज उठा।
इसके उपरांत शिक्षक दिवस के अवसर पर एक विशेष केक काटने का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षक और छात्र एक साथ एकत्रित हुए। केक काटने की जिम्मेदारी विद्यालय में आए विशेष अतिथि कौशल किशोर यादव ने विद्यालय के सभी शिक्षकों के साथ मिलकर निभाई। जैसे ही केक काटा गया, बच्चों ने जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपने शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
इसके बाद विद्यालय के निदेशक राजन सर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षक ही बच्चों के जीवन के पथ-प्रदर्शक होते हैं। शिक्षक से ही बच्चा जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।” उन्होंने बच्चों को मेहनत और अनुशासन के महत्व को समझाया।
फिर विद्यालय के एकेडमिक एडवाइजर रोहित सर ने छात्रों से कहा, “आपका भविष्य आपके अपने हाथों में है, लेकिन उसे आकार देने का काम शिक्षक करते हैं। इसलिए सदैव अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनके बताए मार्ग पर चलें।”
इसके बाद बारी-बारी से विद्यालय के सभी शिक्षकों ने छात्रों को अपने-अपने विचारों से प्रेरित किया। किसी ने अनुशासन की महत्ता बताई, किसी ने शिक्षा में तकनीक के बढ़ते महत्व को समझाया, तो किसी ने नैतिक मूल्यों और संस्कारों पर बल दिया। बच्चों ने भी पूरे ध्यान से शिक्षकों के संदेश सुने।
शिक्षक दिवस के इस अवसर पर केवल शिक्षक ही नहीं बल्कि बच्चों ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। कक्षा चार के आशू कुमार और कक्षा पाँच के कृष्णा ने शिक्षकों के प्रति अपने अनुभव और आभार प्रकट किए। आशू कुमार ने कहा कि शिक्षक बच्चों को केवल पढ़ाते ही नहीं, बल्कि अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा भी देते हैं। वहीं कृष्णा ने कहा कि शिक्षकों की मेहनत और समर्पण ही उनकी सबसे बड़ी ताक़त है और वे सदैव अपने शिक्षकों का सम्मान करते रहेंगे। उनके बाद अन्य बच्चों ने भी शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए अपनी-अपनी शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण था कि हर कक्षा में अलग-अलग केक काटा गया। कक्षा 6 में सुनील सर, कक्षा 5 में नंदन सर, कक्षा 4 में सत्यम सर, कक्षा 3 में एस.सी. बासु सर, कक्षा 2 में अजीत सर, कक्षा 1 में संजय सर, यू.के.जी में कुंदन सर, एल.के.जी में मधु, और नर्सरी में संतोष सर ने अपने-अपने कक्षा के बच्चों के साथ केक काटा। हर कक्षा में यह पल बच्चों के लिए यादगार बन गया।
शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों ने शिक्षकों को उपहार भी भेंट किए। उपहार में डायरी, पेन, शुभकामना कार्ड और हस्तनिर्मित ग्रीटिंग्स शामिल थे। शिक्षकों को जब बच्चों से उपहार मिले तो वे उनके प्यार और स्नेह से बहुत खुश और भावुक हो गए।
इस दौरान सभी शिक्षकों को विद्यालय की ओर से भी सम्मानित किया गया। निदेशक राजन सर और एकेडमिक एडवाइजर रोहित सर ने प्रत्येक शिक्षक को सम्मान स्वरूप उपहार भेंट किए।
सम्मान ग्रहण करने के बाद शिक्षकों ने अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। किसी ने कहा कि यह दिन उनके लिए गर्व का है, किसी ने कहा कि छात्रों का यह प्रेम ही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। शिक्षकों ने छात्रों को आगे बढ़ने, ईमानदारी और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के सफल समापन पर सभी बच्चों, शिक्षकों और अतिथियों के लिए स्वादिष्ट समोसे, रसगुल्ले तथा पीने के लिए स्प्राइट की व्यवस्था की गई। हल्की-फुल्की बातचीत और हंसी-खुशी के माहौल में पूरा विद्यालय परिवार एक साथ इस पल का आनंद लेता रहा।
इस प्रकार सार्थक प्राइमरी एकेडमी में शिक्षक दिवस का यह आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए यह दिन अविस्मरणीय बन गया। एक ओर जहाँ बच्चों ने अपने शिक्षकों के प्रति आदर और कृतज्ञता व्यक्त की, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों ने भी अपने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विद्यालय परिसर में पूरे दिन जोश और उल्लास का माहौल रहा। अंत में विद्यालय के निदेशक ने सभी को धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम की सफलता का श्रेय बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों को दिया। उन्होंने कहा कि “सार्थक प्राइमरी एकेडमी का उद्देश्य केवल शिक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि बच्चों में संस्कार, अनुशासन और मूल्य शिक्षा का विकास करना भी है।”
इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला सिखाती है, और इस कला का असली कलाकार शिक्षक ही होता है।
• इस कार्यक्रम से संबंधित तस्वीरें- OPEN